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योग की शक्ति ने मुझे जीवन में विशामतम परिस्थितियों को सामना करने के काबिल बनाया और मुझमें एक ऐसी अनोखी शक्ति भर दी कि आज मैं जीवन की किसी भी परिस्थिति को सहज ही पार कर पाता हूँ | वैसे तो कई लोग ये मान्यता रखते हैं कि आध्यात्मिकता एक ऐसा विषय है जिसके विषय में हमे ६० वर्ष की आयु के बाद ही सोचना चाहिये, इस से पहले इसके विषय में सोचना एक भूल ही होगी | परन्तु आज की परिस्थितियों और परेशानियों से भरे इस तकनीकी युग में बहुत आवश्यक है कि हम अपने मन को शांत और स्थिर रख पायें | यदि हम ऐसा कर पाने में असमर्थ होते हैं तो विश्व का कोई भी प्रबंधन संस्थान हमें मदद करने में असमर्थ ही अनुभव करेगा | प्रबंधन हमें सिखाता है कि कैसे हम बाहरी जगत के संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करें और लोगों को बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करें | आध्यात्मिकता हमें सिखाती है कि कैसे हम हम अपनी आन्तरिक शक्तियों रुपया संसाधनों का प्रयोग कर अपने मन से बेहतर कार्य कैसे करवा पायें| यदि आंतरिक स्टार पर हमारा मन स्थिर नहीं होगा तो क्या हम दुसरे लोगों को बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित कर पाएंगे | जो दीपक स्वयं बुझा हुआ हो वो दुसरे दीपकों को जलने में समर्थ हो सकता है क्या|
प्रबंधन में आध्यात्मिकता का महत्व
प्रबंधन में हम जीवन के पहलुओं के विषय को परिदृश्यों तथा सिद्धांतों के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं परंतुय व्यवहारिक पहलुओं को संमझने के लिए राजयोग मैडिटेशन सीखना अति आवश्यक है | प्रबंधन के सिद्धांत हमें व्यवहारिक बातें सिखाने के लक्ष्य से बनाये गए हैं पर सही मायने में व्यावहारिकता हम तभी सीख पाते हैं जब योग के माध्यम से हम स्वयं को जों दूसरों को भी समझने लगते हैं|
आध्यात्मिकता प्रबंधन में किस प्रकार सहायक है
आध्यात्मिकता हमारा सर्वांगीण विकास करने में , निर्णय शक्ति को बढाने में तथा अपने निज स्वार्थ से ऊपर उठकर सर्व के कल्याण प्रति सोचने में हमें मदद करती है | इस से युवा पीढ़ी के लोगों को समय प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ती है और वे कार्यक्षेत्र और पारिवारिक जीवन का एक बेहतरसंतुलन बना पाते हैं |
योग हमें परिस्थितियों को सही मायने से समझने में बेहद लाभकारी साबित होता है और हम साक्षी भाव से एक समग्र दृष्टिकोण के साथ बेहतर निर्णय ले पाने में सफल हो पते हैं| सहयोगियों के प्रति सही दृष्टिकोण को विकसित करने में मदद करता है और मेरे निज जीवन में पिछले 5 साल से कॉलेज के डीन के रूप में एक आदर्श भूमिका निभाने में ये मेरे बहुत ही उपयोगी साबित हुआ है| योग हमें जीवन में ऐसी चुनौतियों स्वीकार करने के काबिल बनता है जो अन्यथा हम बहुत ही कठिन और असंभव मानते|
प्रोफेसर राधाकृष्णन, आई.आई. एम. कोंज़िकोड़ के डीन के रूप के कार्यरत हैं तथा प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय से पिछले १६ वर्षों से नियमित रूप से जुड़े हुए हैं
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